क्या घर की मक्खियों से भी फैल सकता है कोरोना वायरस? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

क्या घर की मक्खियों से भी फैल सकता है कोरोना वायरस? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस काफी तेजी से फैल रहा है। इसको देखते हुए जितना हो सके आप मास्क पहने और दो गज की दूरी बना कर रखें। वहीं हो सकें तो अपना इलाज घर में रहकर करने की कोशिश करें। अस्पताल तब ही जाएं जब कोई गंभीर समस्या हो। क्योंकि देश के स्वास्थ्य व्यवस्था एक दम चरमराई हुई है। ऐसे में जिस हिसाब से संक्रमण के केस बढ़ रहें उसे देखे तो अपनी सुरक्षा लोगों को खुद करनी होगी। वहीं कई ऐसे अध्ययन सामने आ रहे हैं जिसमें वायरस को लेकर कई तरह की जानकारियां भी दी गई हैं। इसी कड़ी में एक और अध्ययन बताता है कि घर की मक्खियों से सार्स COV-2 वायरस फैल सकता है। साथ ही ये वायरस व्यक्ति के मल में भी काफी दिनों तक जिंदा रहने जैसी बातें सामने आई हैं। तो चलिए जानते हैं इस बारे में।

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दरअसल, सार्स COV-2 ही कोरोना वायरस बीमारी का कारण बनता है। ये मुख्य रूप से हमार शरीर से निकलले वाले ड्रॉपलेट्स यानी बूंदों के जरिए फैलता है। जब संक्रमित व्यक्ति छींकता, बोलता या फिर खांसता है, तो नाक और मुंह के जरिए कुछ बूंदें निकलती हैं, जो एरोसोल में बदल जाती हैं। ये बूंदें जमीन या सतह पर चिपक सकती हैं। ऐसे में अगर इनके संपर्क में कोई आया तो वो इससे संक्रमित हो सकता है।

वहीं, पैरासाइट्स एंड वेक्टर्स में प्रकाशित एक अध्ययन बताता है कि संक्रमित व्यक्ति के मुंह या नाक से निकली बूंदों के संपर्क में अगर कोई मक्खी आती है तो वो इन एरोसोल बूंदों को 24 घंटे तक रख सकती है। ऐसे में ये मक्खियां इस वायरस को फैला भी सकती हैं। इस रिसर्च में केन्सास स्टेट यूनिवर्सिटी एंड एग्रीकल्चरल रिसर्च सर्विस में संयुक्त राज्य अमेरिका के शोधकर्ताओं ने पाया कि जब मक्खिया बूंदों के संपर्क में आती हैं, तो ये सार्स COV-2 को 24 घंटे तक रख सकती है।

यही नहीं, घर की मक्खियां भी सार्स COV-2 जीनोमिक आरएनए को आसपास के वातावरण में 24 घंटे बाद तक भी फैला सकती हैं। आपको जानकार हैरानी होगी कि मक्खियां 250 से ज्यादा विभिन्न रोगजनकों को ले जा सकते हैं। ये मक्खियां अपनी बाहरी सतह जैसे पैर, मुंह और पंखों के जरिए संक्रमण फैला सकती हैं।

जर्नल पर्यावरण अंतरराष्ट्रीय प्रोफेसर क्विलियम और स्टर्लिंग के प्राकृतिक विज्ञान संकाय के सहयोगियों ने एक अध्ययन के जरिए पाया कि 33 दिन बाद तक भी ये वायरस मानव मल में पाया जा सकता है। प्रोफेसर क्विलियम ने कहा, 'हम जानते हैं कि कोविड-19 खांसी और छींकने से निकली बूंदों या संक्रमण वाली वस्तुओं या अन्य चीजों के जरिए फैलता है।' उन्होंने आगे जानकारी दी कि, ' इस बात की पुष्टि की गई है कि मरीज की कोविड-19 रिपोर्ट निगेटिव आने के 33 दिन बाद तक ये वायरस मानव मल में भी पाया जा सकता है।'

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